
✴️ कोरिया रियासत के प्रतापी महाराजा श्रीमंत रामानुज प्रताप सिंहदेव. ✴️
🔺 स्व. महाराज यूँ तो अपनी प्रशासनिक उपलब्धियों के लिए जाने जाते हैं किन्तु उनके द्वारा शुरू किया गया कोरिया अवॉर्ड विशेष रूप से उल्लेखनीय है जो आगे चल कर मिनिमम वेजेस एक्ट 1948 का आधार बना ।
🔺केवल इतना ही नही उनकी शिक्षा नीतियां विशेष कर मध्यान्ह भोजन योजना, मॉक पार्लियामेंट और छात्रों का स्वास्थ्य परीक्षण आदि बेहद सफल योजनाएं रही हैं। जो आगे चल कर विभिन्न शासकीय योजनाओं का आदर्श बनी।
🔺आज़ादी के पहले से स्थापित रामानुज स्कूल/ कॉलेज उनके इन महान कार्यों का प्रतीक है।
🔺बहुत कम लोग ही जानते होंगे की राजा साहेब गोलमेज सम्मेलन में देसी रियासतों के प्रतिनिधि बन के लन्दन गए थे। इतना ही नही उन्होंने रियासत के विलय होने पर 1.20 करोड़ की विशाल धनराशि भारत सरकार को सौंप दी थी जबकि कई बड़ी रियासतों ने भी इतना धन नही दिया था।
🔺राजा साहेब की इस ईमानदारी से प्रभावित हो कर सरदार पटेल ने उन्हें गवर्नर पद देना चाहा जिसे राजा साहेब ने विनम्रता पूर्वक यह कह कर मना कर दिया की वो जीवन भर एक शासक रहे अब नाम मात्र को प्रशासक नही बनना चाहते।
🔺किन्तु यह अत्यंत क्षोभ का विषय है कि आज कोरिया के जनता को ही उनके इन कार्यों के विषय में ज्ञात नही है और ना ही उनके नाम पर लाभान्वित हुए लोगों को ही उनकी सुध ही रह गयी है। 
🔺लोकतंत्र प्रजातंत्र आ जाने पर अपने महान राजाओं के कार्यों को भूल चुके हैं। परंतु जो नीव और जनता के हितो के कार्य राजा साहेब ने किये कम से कम उनको हमेशा अपनी धरोहर समझ कर सजों कर ससम्मान रखा जाना चाहिए ऐसा हम सबका प्रयास रहे और कोरिया की सभ्यता संस्कृति का भाव बना रहे।
आशा है राजा साहेब का जन्मदिवस बड़ी धूमधाम से जिले में स्कूलों / महाविद्यालय में मनाया जाये. ताकि आने वाली पीढ़ी को अपने इतिहास गौरव की जानकारी हो सके❗
🔺ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से. व अन्य स्थानीय जानकारी के आधार पर…..
