शिक्षक बना मौत का डॉक्टर

गौरेला पेंड्रा मरवाही झोलाछाप डॉक्टरों ने सप्ताह में दो बच्चों की जान ले ली इस बड़े हादसे के बाद अब प्रशासन द्वारा कार्यवाही की बात की जा रही है पहला मामला मरवाही क्षेत्र का है जिसमें एक 14 साल की स्कूली छात्रा के इलाज का ठेका 1300 रुपए में किया गया और एक झोलाछाप डॉक्टर द्वारा दवाइयां दी गई जिससे उसकी हालत अत्यंत गंभीर हो गई और उसे शासकीय अस्पताल में भेजा गया पर उस नाबालिक छात्र की हालत बद से बत्तर होती गई और अंत में उसकी मौत हो गई वही दूसरा मामला गौरेला के शासकीय छात्रावास में रहने वाले 12 साल के छात्र की जान उसके ही गांव के झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज से चली गई जानकारी के मुताबिक गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में झोला छाप डॉक्टरों का जाल बिछा हुआ है पिछले कुछ महीनो से फर्जी डॉक्टरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और इस पर शासन के जिम्मेदार अधिकारियो का अंकुश ढीला पड़ता जा रहा है यहां पर एक बात और गौरतलाप है कि इस दर्दनाक और गंभीर समस्या फिर से अपना पैर पसारे इस पर जल्द ही एक बड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि जिले की मासूम भोली भाली जनता इस प्रकार के हादसे का शिकार फिर से ना हो पाए।

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