छत्तीसगढ़ के भिलाई में एक साधारण रस दुकान से महादेव ऐप के सट्टेबाजी सरगना बनने तक, सौरभ चंद्राकर का सफर अब ख़तम होने वाला है । दुबई में उसकी गिरफ्तारी इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर की गई, जिसे प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अनुरोध पर जारी किया गया था। यह गिरफ्तारी भारतीय एजेंसियों के समन्वित प्रयासों का परिणाम है, जिसमें विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने महत्त्वपुढ भूमिका निभाई।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया था। इस घोटाले के किंगपिन सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी हुई है। इस कार्रवाई जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि घोटाले में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री साय ने तभी यह कहा था कि सभी दोषियों को सख्त सजा दिलाने के लिए जांच CBI को सौंपी।
2019 से पहली बार महादेव ऐप सट्टेबाजी के जरिए अवैध लेन-देन की जानकारी सामने आई थी। इसके बाद से CBI और ED इस घोटाले की परतें खोलने में लगी हैं। अब तक 19 में से 9 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं और जांच लगातार आगे बढ़ रही है।
चंद्राकर की गिरफ्तारी से अब कई अन्य रहस्यों का खुलासा होने की उम्मीद है

