
छिता पाक’ (सीताफल)
बस्तर में फल के स्थानीय बोलियों में पाक शब्द का प्रयोग होता है। अभी सीताफल की आवक चरम पर है, कुछ दिनों में बस समाप्ति होनी है। यहां सीताफल की आवक बहुत अधिक है। अधिक मांग ना होने के कारण अधिकांश फल पेड़ो पर ही पक्षियों द्वारा खा लिए जाते हैं। हाल फिलहाल में अभी कांकेर क्षेत्र में सीता फल का व्यावसायिक उत्पादन प्रारंभ हुआ है। वहां सड़क के किनारे ग्रामीण सीताफल टोकनों में मुंह मांगे दामों में बेचते हैं। जबकि दक्षिण और मध्य बस्तर में ना इसकी कोई खास मांग और ना ही इसके व्यावसायिक उत्पादन की कोई संभावना है।

बाकी अब गुणों पर क्या ही चर्चा की जाय। सीताफल सभी का पसंदीदा फल है। खासकर पेड़ पर पके सीताफल का स्वाद ही गजब का होता है। इस फल के व्यवसायिक उत्पादन का एक फायदा यह है कि आपको इसके पकने का इंतजार नहीं करना होता है। जब पकने के लिए परिपक्व हो जाता है तब इसे तोड़ लिया जाता है और अगले एक दो दिन में पक जाता है। इसके पकने के लिए परिपक्व होने की स्थिति को यहां स्थानीय तौर पर ’आंख खुलना’ कहा जाता है। आंख खुलना मुहावरा है लेकिन बस्तर में आंख खुलना मतलब फल अब पकने वाला है। हालांकि पेड़ पर पके और घर में तोड़ने के बाद पके सीताफल के स्वाद में अंतर आ जाता है।



