“शासकीय जमीन घोटाला: सरपंच बर्खास्त, जिलाबदर की कार्रवाई पहले ही हुई”

बिलासपुर: सरपंच प्रदीप सोनी को बर्खास्त, 6 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक

विकासखंड मस्तुरी के ग्राम पाराघाट के सरपंच प्रदीप सोनी को सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा, निर्माण कार्य कराने और अन्य आपराधिक गतिविधियों के आरोपों के चलते बर्खास्त कर दिया गया है। मस्तुरी के एसडीएम ने यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 40 के तहत की। इसके साथ ही उन्हें आगामी 6 वर्षों के लिए चुनाव लड़ने से भी अयोग्य करार दिया गया है।


जांच में पाया गया कि सरपंच ने सरकारी जमीन (खसरा नंबर 525/1) को आबादी भूमि (खसरा नंबर 525/3) बताकर लोगों को पट्टे बांटे और चारागाह भूमि को फ्लाई ऐश से पाटकर समाप्त कर दिया। इसके अलावा, उन्होंने गोचर भूमि पर अवैध निर्माण कार्य भी शुरू कराया। तहसीलदार मस्तुरी द्वारा की गई जांच और मौके पर निरीक्षण में इन आरोपों की पुष्टि हुई।

जांच में यह भी सामने आया कि प्रदीप सोनी पिछले 10 वर्षों से आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहे हैं। उनके खिलाफ मारपीट, धमकी, गाली-गलौच और गुंडागर्दी जैसे गंभीर अपराध दर्ज हैं। कलेक्टर ने छत्तीसगढ़ राज्य सुरक्षा अधिनियम 1992 के तहत उन्हें 6 महीने के लिए जिला बदर का आदेश जारी किया था।


आदेश के मुख्य बिंदु:

1. सरपंच प्रदीप सोनी को समाजविरोधी गतिविधियों और लोकहित के खिलाफ काम करने का दोषी पाया गया।

2. पंचायत राज अधिनियम की धारा 40 (1)(क)(ख) का उल्लंघन करने के आधार पर उन्हें पद से हटा दिया गया।

3. आगामी 6 वर्षों तक उन्हें चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया गया।

यह कार्रवाई पंचायत स्तर पर विधि-व्यवस्था बनाए रखने और लोकहित में की गई है।

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