“फर्जी अंकसूची से सरकारी नौकरी की ठगी का पर्दाफाश: क्लर्क को सश्रम कारावास और भारी जुर्माने की सजा!”

फर्जी अंकसूची से नौकरी प्राप्त करने वाले आरोपी को सजा, तीन साल की सश्रम कारावास और जुर्माना



जांजगीर चांपा, 23 जनवरी: न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी न्यायालय जांजगीर ने एक अहम फैसले में आरोपी रामकृष्ण राठौर को फर्जी अंकसूची के आधार पर सरकारी नौकरी प्राप्त करने, जन्मतिथि में बदलाव करने और साक्ष्य छुपाने का दोषी पाया। न्यायालय ने आरोपी को विभिन्न धाराओं में सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई।

आरोपी रामकृष्ण राठौर ने आदर्श हायर सेकेंडरी स्कूल से फर्जी अंकसूची बनवाकर 1984 में मिनी माता हसदेव बागों परियोजना में एलडीसी के पद पर नौकरी हासिल की थी। बाद में आरटीआई के तहत खुलासा होने पर आरोपी ने अपनी जन्मतिथि में बदलाव करने का प्रयास किया। जब मामले की जांच शुरू हुई, तो यह सामने आया कि आरोपित ने शाला से प्राप्त अंकसूची को फर्जी तरीके से तैयार किया था।


न्यायालय ने आरोपी को धारा 420, 467, 468, 471, और 201 के तहत तीन-तीन साल की सश्रम कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई। सजा के बाद आरोपी को सभी सजाएं एक साथ भुगतने का आदेश दिया गया, और जुर्माना न भरने पर अतिरिक्त कारावास की सजा भी सुनाई गई।

इस मामले में सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी एस. अग्रवाल ने शासन की ओर से पैरवी की।

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