छत्तीसगढ़ पुलिस को मिला नया कार्यवाहक डीजीपी, अरुण देव गौतम को सौंपी कमान

रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस में बड़ा प्रशासनिक बदलाव हुआ है। 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी अरुण देव गौतम को प्रदेश का कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया है। वर्तमान डीजीपी अशोक जुनेजा के 5 फरवरी को सेवानिवृत्त होने के बाद यह जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है। जब तक केंद्र सरकार स्थायी डीजीपी की घोषणा नहीं करती, तब तक गौतम प्रदेश की कानून-व्यवस्था की कमान संभालेंगे।

किसान परिवार से आईपीएस तक का सफर
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के अभयपुर गांव में जन्मे अरुण देव गौतम का सफर प्रेरणादायक रहा है। एक किसान परिवार में जन्मे गौतम ने शुरुआती शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में पूरी की। उच्च शिक्षा के लिए वे प्रयागराज (इलाहाबाद) गए, जहां उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए और एमए (राजनीति शास्त्र) किया। इसके बाद उन्होंने जेएनयू, दिल्ली से अंतरराष्ट्रीय कानून में एमफिल की डिग्री प्राप्त की।

यूपीएससी में सफलता और पुलिस सेवा का सफर
गौतम ने अपने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास नहीं कर पाए, लेकिन हार नहीं मानी। दूसरे प्रयास में आईपीएस बने और 12 अक्टूबर 1992 को पुलिस सेवा ज्वाइन की। उन्हें मध्य प्रदेश कैडर मिला और पहली पोस्टिंग जबलपुर में हुई।
सात जिलों के एसपी रहे, कई अहम जिम्मेदारियां निभाईं
अपने करियर में गौतम सात जिलों के एसपी रह चुके हैं। वे बिलासपुर में सीएसपी, कवर्धा में एसडीओपी और भोपाल में एडिशनल एसपी भी रहे। इसके अलावा, वे मध्य प्रदेश पुलिस की 23वीं बटालियन के कमांडेंट की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं।
छत्तीसगढ़ की कानून-व्यवस्था संभालने की बड़ी जिम्मेदारी
अब अरुण देव गौतम को छत्तीसगढ़ पुलिस की कमान सौंपी गई है। वे कार्यवाहक डीजीपी के रूप में पुलिस प्रशासन का नेतृत्व करेंगे। केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद स्थायी डीजीपी की नियुक्ति की जाएगी। प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की चुनौती अब उनके कंधों पर होगी।


