नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में विकास की नई उम्मीद बने सोमारू कड़ती पुलिस की नौकरी छोड़ राजनीति में आए

नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में निर्दलीय प्रत्याशी सोमारू कड़ती की ऐतिहासिक जीत



दंतेवाड़ा। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले से चौंकाने वाला परिणाम सामने आया है। जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 08 से निर्दलीय प्रत्याशी सोमारू कड़ती ने भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के समर्थित प्रत्याशियों को करारी शिकस्त दी है। उन्होंने 1100 से अधिक मतों से जीत दर्ज कर जिला पंचायत सदस्य पद पर कब्जा जमाया, जबकि सरपंच पद के लिए भी उन्होंने 100 से अधिक वोटों से प्रतिद्वंद्वी को हराया।


सोमारू कड़ती पहले डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) में एएसआई के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने जनता की सेवा और क्षेत्र के विकास के लिए अपनी सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति में कदम रखा। वर्ष 2014 में छत्तीसगढ़ पुलिस में शामिल हुए सोमारू कड़ती ने अपनी कड़ी मेहनत और साहसिक कार्यों के दम पर आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर एएसआई का पद प्राप्त किया था। उनकी सेवाओं को देखते हुए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उन्हें राज्य पुरस्कार से सम्मानित भी किया था।


सोमारू कड़ती ने जनता के विश्वास को अपनी सबसे बड़ी जीत बताया। उन्होंने कहा, “मैंने नौकरी भी पूरी निष्ठा से की थी, अब राजनीति में आकर जनता की सेवा करूंगा। उनके भरोसे को टूटने नहीं दूंगा। विकास मेरा पहला लक्ष्य रहेगा। प्रशासन के साथ मिलकर काम करूंगा और जरूरत पड़ी तो मुखर विरोध भी करूंगा।”

उनकी जीत के बाद क्षेत्र में खुशी की लहर है। उनके साथ करीब आधा दर्जन से अधिक सरपंच और जनपद सदस्य भी मौजूद रहे, जिन्होंने दंतेवाड़ा की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के दर्शन कर अपने नए सफर की शुरुआत की।


सोमारू कड़ती की इस ऐतिहासिक जीत से यह स्पष्ट हो गया है कि दंतेवाड़ा के अंदरूनी इलाकों में जनता अब बदलाव चाहती है और विकास की उम्मीद लगाए बैठी है। उनकी जीत से क्षेत्र में एक नई राजनीतिक चेतना का संचार हुआ है, जहां दलगत राजनीति से ऊपर उठकर जनता ने एक ऐसे प्रत्याशी को चुना, जो उनके हक की लड़ाई लड़ने के लिए आगे आया है।


सोमारू कड़ती ने चुनाव प्रचार के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की बात कही थी। उन्होंने वादा किया है कि वह जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ सुगमता से दिलाने के लिए पूरी कोशिश करेंगे और यदि कोई बाधा आती है, तो सिस्टम के खिलाफ मुखर होकर आवाज उठाने में संकोच नहीं करेंगे।


इस चुनाव परिणाम ने यह साफ कर दिया है कि जनता अब विकास के लिए जाति, दल और परंपरागत राजनीति से अलग हटकर वोट दे रही है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के बावजूद यहां के लोग अब आगे बढ़ना चाहते हैं, जिसके लिए उन्होंने सोमारू कड़ती जैसे मजबूत नेतृत्व को चुना है।

अब देखने वाली बात यह होगी कि सोमारू कड़ती अपने वादों पर कितना खरा उतरते हैं और क्षेत्र के विकास को किस दिशा में आगे बढ़ाते हैं।

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