रंग पंचमी पर निकलेगी शिव जी की भव्य बारात, नागा साधु करेंगे हसदेव नदी में शाही स्नान

पीथमपुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के पीथमपुर गांव में इस वर्ष भी रंग पंचमी के अवसर पर भगवान शिव की भव्य बारात निकाली जाएगी। यह परंपरा पिछले 100 वर्षों से चली आ रही है और इसमें देशभर से नागा साधु एवं श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस आयोजन का मुख्य आकर्षण हसदेव नदी में नागा साधुओं का शाही स्नान और शिव जी की भव्य पालकी यात्रा होती है।

🔴कलेश्वर नाथ मंदिर की मान्यता
पीथमपुर स्थित कलेश्वर नाथ मंदिर का धार्मिक महत्व अत्यंत विशिष्ट है। मान्यता है कि यहां पूजा-अर्चना करने से नि:संतान दंपतियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है और पेट संबंधी विकारों से मुक्ति मिलती है। शिवलिंग की जलहरी का जल भक्तों के लिए औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है।
🔴शिव बारात की परंपरा
यह अनूठी परंपरा 1920 से चली आ रही है। इस दिन भगवान शिव की पंचमुखी प्रतिमा को डेढ़ क्विंटल चांदी से बनी विशेष पालकी में विराजमान कर नगर भ्रमण कराया जाता है। यह भव्य पालकी 1930 के दशक में रानी उपमा कुमारी द्वारा बनारस से बनवाई गई थी।


🔴नागा साधुओं का शाही स्नान
शिव बारात के दौरान नागा साधु हसदेव नदी में शाही स्नान करते हैं। यह स्नान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना जाता है और हजारों श्रद्धालु इस दिव्य दृश्य के साक्षी बनते हैं। इसके साथ ही नागा साधु अपनी साधना और शौर्य प्रदर्शन भी करते हैं, जो भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होता है।
🔴15 दिवसीय मेला होगा आकर्षण का केंद्र
रंग पंचमी के दिन से शुरू होकर यहां 15 दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें श्रद्धालुओं के साथ-साथ पर्यटक भी भारी संख्या में शामिल होते हैं। यह मेला क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है और स्थानीय व्यवसाय को भी प्रोत्साहित करता है।
पीथमपुर का कलेश्वर नाथ मंदिर एवं रंग पंचमी उत्सव छत्तीसगढ़ की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का अद्वितीय उदाहरण है, जो श्रद्धालुओं के लिए आस्था और उत्साह का संगम प्रस्तुत करता है।


