
*🚩ॐ नमो भगवते वासुदेवाय धन्वंतराय अमृता-कलश* *हस्ताय सर्व-अमय विनाशय त्रैलोक्य नाथाय धन्वंतरि महा-विष्णवे नमः*॥🚩
निर्धनता के भीतर अगर एक बीज सम्पन्नता का कहीं है
तो दिल से सारे ख़र्च बड़े किए जाएँगें
सारी वैभवता दरियादिली और दिल की सोच के विस्तार में कहीं है
आओ
ह्रदय और दिमाग की धनतेरस मनाएँ
आपसी प्रेम के गहनें ख़रीदें
दिल के बर्तन चमकाएँ,हँसी के सिक्के ख़रीदें
*स्वास्थ्य,सुख और समृद्धि के पावन पर्व धनतेरस की आप को हार्दिक शुभकामनाएँ* 🚩

आप सभी को धनतेरस की हार्दिक हार्दिक बधाई और शुभ कामनाये… 🙏
. छत्तीसगढ़ समाचार