बिलासपुर: ट्रेन में गांजा तस्करी का पर्दाफाश, 40 हजार में सौदा करने वाले आरक्षक की करोड़ों की संपत्ति का खुलासा, 4 पुलिसकर्मी जांच के घेरे में

रायपुर: जीआरपी के चार पुलिसकर्मी गांजा तस्करी में गिरफ्तार, करोड़ों की संपत्ति का खुलासा

ट्रेन में गांजा तस्करी रोकने के लिए गठित एंटी क्राइम टीम ही तस्करों को संरक्षण देने लगी। रायपुर जीआरपी के चार आरक्षकों – लक्ष्मण गाइन, संतोष राठौर, सौरभ नागवंशी, और मन्नू प्रजापति की तस्करों से मिलीभगत का भंडाफोड़ हुआ है। खुफिया विभाग की गोपनीय जांच में इनकी संलिप्तता उजागर होने के बाद डीजीपी अशोक जुनेजा ने जांच के निर्देश दिए। जांच के बाद सभी आरक्षकों को एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

15 करोड़ का लेनदेन और करोड़ों की संपत्ति का खुलासा

गिरफ्तार आरक्षकों के पास से 45 बैंक खातों का पता चला है, जिनके जरिए 15 करोड़ रुपये के लेनदेन की पुष्टि हुई है। इन खातों को आरोपियों ने अपने रिश्तेदारों और परिचितों के नाम पर खुलवाया था। प्रमुख आरोपी लक्ष्मण गाइन के पास से करोड़ों की संपत्ति मिली है।

गांजा तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़

पुलिस ने वेस्ट बंगाल से गांजा तस्करी के सरगना श्यामधर चौधरी उर्फ छोटू को भी गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया कि आरोपी आरक्षक ट्रेन में गांजा तस्करी का नेटवर्क संचालित कर रहे थे। तस्करों को पकड़ने के बाद उन्हें छोड़ा जाता था, और जब्त गांजा को खुद बेच दिया जाता था।

पहले भी जेल जा चुका है मुख्य आरोपी

मुख्य आरोपी लक्ष्मण गाइन वर्ष 2018 में रायपुर में ड्रग्स तस्करी के मामले में गिरफ्तार हुआ था। डेढ़ साल जेल में रहने के बाद वह बिलासपुर जीआरपी में पोस्ट हुआ, जहां उसने एंटी क्राइम टीम का हिस्सा बनकर तस्करी का बड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया।

जांच जारी, अन्य पर भी कार्रवाई संभव

एसपी रजनेश सिंह ने कहा कि चारों पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। वेस्ट बंगाल से गांजा सप्लाई करने वाले डीलर को भी गिरफ्तार किया गया है। पूरे मामले की विस्तृत जांच चल रही है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।

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