बिलासपुर में चार अपराधी जिला बदर, प्रशासन ने अपनाया कड़ा रुख
बिलासपुर, 06 फरवरी 2025: त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से संपन्न कराने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी अवनीश शरण ने अपराध और असामाजिक गतिविधियों पर लगाम कसते हुए जिले के चार शातिर अपराधियों को जिला बदर करने का आदेश जारी किया है।
इन चार अपराधियों को 24 घंटे के भीतर जिले की सीमा से बाहर जाने का निर्देश दिया गया है, साथ ही अगले छह महीनों तक बिलासपुर जिले में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। यह कदम चुनावों के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने और आम जनता को भयमुक्त माहौल देने के लिए उठाया गया है।
जिन अपराधियों पर जिला बदर की कार्रवाई की गई है, वे गंभीर अपराधों में संलिप्त रहे हैं। इनमें मारपीट, गाली-गलौच, अवैध वसूली, हत्या की धमकी और यौन शोषण जैसे संगीन आरोप शामिल हैं।
1. जयकिशन यादव उर्फ राजू (33 वर्ष), निवासी आदर्श नगर, सिरगिट्टी
तारबाहर थाना समेत अन्य क्षेत्रों में गुंडागर्दी, गाली-गलौच, मारपीट और हत्या की धमकी जैसे कई मामले दर्ज।
इस पर अवैध वसूली, जानलेवा हमला, आर्म्स एक्ट और मारपीट के मामले दर्ज।
बिलासपुर पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट और विस्तृत सुनवाई के बाद जिला दंडाधिकारी ने राज्य सुरक्षा अधिनियम, 1003 की विभिन्न धाराओं के तहत इन अपराधियों को छह महीने के लिए जिला बदर करने का आदेश जारी किया है। प्रशासन का कहना है कि यह अपराधी क्षेत्र में अशांति और भय का माहौल बना रहे थे और चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते थे।
जिला बदर किए गए अपराधियों को बिलासपुर जिले के अलावा इन समीपवर्ती जिलों की सीमा से भी बाहर रहना होगा:
‘जिला बदर’ एक प्रशासनिक कार्रवाई है, जिसके तहत किसी अपराधी को एक निश्चित अवधि तक जिले और आसपास के जिलों की सीमा से बाहर कर दिया जाता है। यह कदम तब उठाया जाता है जब किसी व्यक्ति की गतिविधियाँ सार्वजनिक शांति और कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बन जाती हैं।
बिलासपुर जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से स्पष्ट संकेत मिलता है कि अपराध और असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। इससे न केवल चुनावों में अपराधियों का प्रभाव खत्म होगा, बल्कि शहर के नागरिकों को भयमुक्त और सुरक्षित माहौल मिलेगा।
यह कार्रवाई उन अपराधियों के लिए भी एक चेतावनी है, जो जिले में अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं। प्रशासन और पुलिस का यह कड़ा रुख अपराध दर को कम करने और जनता में सुरक्षा की भावना मजबूत करने में मददगार साबित होगा।