छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में मध्यप्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व से आए टी-200 बाघ ने दहशत फैला दी है। यह बाघ अमरकंटक, पेंड्रा और मरवाही होते हुए इस इलाके में पहुंचा है। बाघ ने ग्रामीण इलाकों में भैंस और बकरियों का शिकार किया, जिससे स्थानीय निवासियों में डर का माहौल है।

बाघ को लेकर वन विभाग ने अलर्ट जारी किया है। ग्रामीणों को रात में घर से बाहर न निकलने और जंगलों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
6 गांवों में बिजली बंद: भौता समेत 6 गांवों में करंट फैलाने की घटनाओं से बचने के लिए बिजली काट दी गई है।
बाघ की मूवमेंट पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरे और ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं।
बाघ को बेहोश करने के लिए एक्सपर्ट डॉ. चंदन को बुलाया गया है।
भौता गांव के निवासियों ने बताया कि बाघ ने अब तक दो बकरियों पर हमला किया, जिसमें एक बकरी की मौत हो गई। डर के कारण लोग जंगल में लकड़ी लेने या मवेशी चराने जाने से भी कतरा रहे हैं।
एमसीबी के डीएफओ मनीष कश्यप ने कहा कि बाघ को मानव बस्ती से दूर रखने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। ग्रामीणों को जंगलों में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है।
यह बाघ पहले अमरकंटक टाइगर रिजर्व (एटीआर) में देखा गया था। चार दिन पहले इसे अनूपपुर जिले के मेढ़ाखार गांव में देखा गया था, जहां इसने एक भैंस का शिकार किया था। इसके बाद यह गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के परासी गांव में नजर आया।
वन विभाग की ओर से बाघ को पकड़ने और उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाने की योजना पर काम हो रहा है।




