ATR में बाघ की मौत, कारण अज्ञात वन विभाग की लापरवाही या कुछ और

अचानकमार टाइगर रिज़र्व में बाघ की मौत, कारण अज्ञात वन विभाग ❓



बिलासपुर : बाघों की कमी से जूझ रहे छत्तीसगढ़ में एक और बाघ की अचानकमार टाइगर रिजर्व में मौत हो गई है. बाघ की मौत दो दिन पहले हो चुकी थी. लेकिन वन विभाग के अधिकारियों को मौत की खबर आज जा कर मिली है. बाघ का शव लमनी रेंज के पास मिला है. मौत के कारणों का अभी अज्ञात है।


वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि शुक्रवार की सुबह बाघ की मौत की जानकारी सामने आई है। हालांकि आरंभिक तौर पर बाघ का शव दो से तीन दिन पुराना हो सकता है ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है।


पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश को ‘टाइगर स्टेट’ दर्ज़ा प्राप्त है, वहीं उसी मध्यप्रदेश से अलग हुए छत्तीसगढ़ में, वन विभाग के सुस्त अफ़सरों के कारण बाघों की जान के लाले पड़े हुए हैं। पिछले कुछ सालों में एक के बाद एक बाघ मरते चले गए ।अब हालत ये है कि राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश से 3 बाघों को लाने का फ़ैसला किया है। इन्हीं बाघों के सहारे राज्य में बाघों की आबादी बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।

वन विभाग के स्थानीय अमले ने कई अवसरों पर शिकारियों को पकड़ा भी है लेकिन बाघों की आबादी बढ़ाने की दिशा में वन विभाग ने कोई कोशिश नहीं की।यहां तक कि जिस अचानकमार और बार नवापारा अभयारण्य से गांवों को विस्थापित किया गया, उन इलाकों को भी आज तक वन विभाग का अमला बाघों के अनुकूल विकसित नहीं कर पाया।

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